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Nishant shayari

good

चाहा है तुम्हें अपने अरमान से भी ज्यादा,

लगती हो हसीन तुम मुस्कान से भी ज्यादा,

मेरी हर धड़कन हर साँस है तुम्हारे लिए,

क्या माँगोगे जान मेरी जान से भी ज्यादा।





जा और कोई ज़ब्त की दुनिया तलाश कर

ऐ इश्क़ हम तो अब तेरे काबिल नहीं रहे।


गम में हसने वालो को रुलाया नहीं जाता,

लहरों को पानी से मिलाय नहीं जाता,

होने वाले खुद ही अपने हो जाते हैं,

किसी को कहकर अपना बनाया नहीं जाता.


कशिश तो बहुत है मेरे प्यार मैं,

लेकिन कोई है पत्थर दिल जो पिघलाता नहीं,

अगर मिले खुद तो माँगूंगी उसको,

सुना है ख़ुदा मरने से पहले मिलते नहीं.

Nishant kushwaha


नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली,

रहे दोनों खामोश पर बात करली,

मोहब्बत की फिजा को जब खुश पाया,

इन आंखों ने रो रो के बरसात कर ली !!

चाहत वो नहीं जो जान देती है,

चाहत वो नहीं जो मुस्कान देती है,


ऐ दोस्त चाहत तो वो है,

जो पानी में गिरा आंसू पहचान लेती हैं.

तुझे देखु तो सारा जहाँ रंगीन नज़र आता है,

तेरे बिना दिल को चेन किसको आता है,

तुम ही हो मेरे दिल की धड़कन,

तेरा बिना यह संसार आवारा नज़र आता है!




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